ये एक परिधि तेरी है
यह एक परिधि मेरी है
इस प्रेम शाख की छालो पर, हमने खींची लकीरें हैं
तू मौन खड़ा बस ताक मुझे, मैं भी दो वेण बनाती हूं
इस दो वेणी की अवधि तक, कुछ मैं भी रास रचाती हूं
कुछ सुरभी बह जाने दे, कुछ कोपल मुरझाने दे
आ देखें ,आ देखें, क्या रह पाएगा
मेरे मोगरे की वेणी या प्रेम तेरा
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